Tuesday, July 14, 2015

यादों के किस्से

यादों के किस्से
हर किसी के पास यादों का खज़ाना होता हैं | तो आइए चलते हैं यादों के शहर में और देखे क्या कुछ हैं यादों के पास हमारे लिए!!
 
मन के शहर में कई बक्से हैं
बक्सों में हैं यादों का खज़ाना
और हर खज़ाने के अपने किस्से हैं |

किसी ने माना किस्मत, इनके साथ जीना सीख लिया
पर कोई रहा कमज़ोर , आज भी इनमें जी रहा
पर सिकंदर बना वो,जिसने खुद संभलकर
यादों को भी जीना सीखा दिया |
हँस कर कहा , ए दोस्त, तू तन्हा हैं,
तेरे खजाने में खामोशी बड़ी हैं
जिन बातों में उलझा हैं तू
ये दुनिया उसे भूल चुकी हैं |

हाँ, नए सफ़र में मुश्किलें कई हैं
पर यहाँ उम्मीदों का पिटारा हैं
एक नयी रोशनी मुझे बुलाती हैं
चल दो-दो जाम लगाते हैं ,
बीती बातों ने किसको ख़ुशी दी हैं
कल को भुलाकर, एक नया कल बनाते है |

बक्सा तो तेरा फिर भरेगा,
खट्टी-मीठी कुछ यादों से
पर जब तक ज़िन्दगी मौके दे रही है
हारने के डर से, हम क्यों जीना छोड़ दे ||

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