यादों
के किस्से
हर किसी के पास यादों का खज़ाना होता हैं | तो आइए चलते हैं यादों के शहर में और देखे क्या कुछ हैं यादों के पास हमारे लिए!!
बक्सों
में हैं यादों का खज़ाना
और
हर खज़ाने के अपने किस्से हैं
|
किसी
ने माना किस्मत, इनके
साथ जीना सीख लिया
पर
कोई रहा कमज़ोर , आज
भी इनमें जी रहा
पर
सिकंदर बना वो,जिसने
खुद संभलकर
यादों
को भी जीना सीखा दिया |
हँस
कर कहा , ए
दोस्त, तू
तन्हा हैं,
तेरे
खजाने में खामोशी बड़ी हैं
जिन
बातों में उलझा हैं तू
ये
दुनिया उसे भूल चुकी हैं |
हाँ, नए सफ़र में
मुश्किलें कई हैं
पर
यहाँ उम्मीदों का पिटारा हैं
एक
नयी रोशनी मुझे बुलाती हैं
चल
दो-दो
जाम लगाते हैं ,
बीती
बातों ने किसको ख़ुशी दी हैं
कल
को भुलाकर, एक
नया कल बनाते है |
बक्सा
तो तेरा फिर भरेगा,
खट्टी-मीठी
कुछ यादों से
पर
जब तक ज़िन्दगी मौके दे रही है
हारने
के डर से, हम
क्यों जीना छोड़ दे ||