Tuesday, March 17, 2015

वजूद


खुली आँखों से देखे सपनों की कहानी .....
दुनिया में अपने अस्तित्व की कहानी...... 



ये आसमान में टिमटिमाते सितारें’
सितारों की रौशनी की दमक चाहती हूँl
ये कल कल करके बहती नदियाँ,
पानी की बूंदों की चमक चाहती हूँl
ये पेड़ो की खिलखिलाती पत्तियां
पत्तों की हरियाली की खनक चाहती हूँl
ये मंदगति से चलती बयार
पवन की सोंधी सी भनक चाहती हूँl

मैं तलाश रही खुद को दुनिया में
हर टुकड़े में अपना वजूद चाहती हूँll

किताबों में लिखे हज़ारों किस्से
हर कहानी में अपना नाम चाहती हूँl
पत्थरों में रास्तें, रास्तों पर मंजिल
हर मंजिल पर अपना काम चाहती हूँl
दुनियां के लोग,हज़ारों चेहरे
हर चेहरे पर अपनी मुस्कान चाहती हूँl
दिलों में प्यार का दीप जलाकर
हर मन में अपनी पहचान चाहती हूँl
अपने सपनों के नील गगन में
होसलों के पंखों की उड़ान चाहती हूँl
ज़िन्दगी के इस कठिन सफ़र में
हर कदम पर अपना मकाम चाहती हूँl

मैं तलाश रही खुद को दुनिया में
हर टुकड़े में अपना वजूद चाहती हूँll



Thursday, March 5, 2015

मैंने देखा हैं !!

मेरे ज़िन्दगी से  कई सवाल हैं , पर ज़िन्दगी का एक ही जवाब है ," रुको नहीं !बस चलते जाओ,  क्यूंकि अगर रुके तो सवाल भी ख़त्म हो जायेंगे और जवाब भी |" ज़िन्दगी ठोकर मारती हैं तो सहारा भी देती हैं , मैंने देखा हैं !!

मैंने आँखों को सपने पिरोते देखा हैं ,
सपनों को हकीकत बनते देखा हैं,
उम्मीदों कि नाव पर सवार मांझी को
हर कश्ती पार लगाते देखा हैं |

मैंने देखा हैं ,
आशा की किरण का चमकना ,
बूंदों में मोती का बरसना ,
एक दीप का अन्धकार मिटाना,
देखा हैं मैंने ,
हर चेहरे का खिलखिलाना |

कुछ ख़्वाबों को टूटते देखा हैं,
आँखों से सपनों को बहते देखा हैं,
इस माया-नगरी के सौंदर्य में
हर इंसान को उलझते देखा हैं |

मैंने देखा हैं
असफलता का घिर आना,
फूलों का मुरझा जाना,
अमावस पर अँधेरा गहराना,
देखा है मैंने ,
चलती ज़िन्दगी का थम जाना |

पर मैंने देखा है,
लड़खड़ाते पावों का संभल जाना ,
सपनों का फिर बुना जाना ,
हर थमती हुई सांसों में
देखा है मैंने ,
एक नयी ज़िन्दगी का चहचहाना ||