मेरे ज़िन्दगी से कई सवाल हैं , पर ज़िन्दगी का एक ही जवाब है ," रुको नहीं !बस चलते जाओ, क्यूंकि अगर रुके तो सवाल भी ख़त्म हो जायेंगे और जवाब भी |" ज़िन्दगी ठोकर मारती हैं तो सहारा भी देती हैं , मैंने देखा हैं !!
मैंने
आँखों को सपने पिरोते देखा
हैं ,
सपनों
को हकीकत बनते देखा हैं,
उम्मीदों
कि नाव पर सवार मांझी को
हर
कश्ती पार लगाते देखा हैं |
मैंने
देखा हैं ,
आशा
की किरण का चमकना ,
बूंदों
में मोती का बरसना ,
एक
दीप का अन्धकार मिटाना,
देखा
हैं मैंने ,
हर
चेहरे का खिलखिलाना |
कुछ
ख़्वाबों को टूटते देखा हैं,
आँखों
से सपनों को बहते देखा हैं,
इस
माया-नगरी
के सौंदर्य में
हर
इंसान को उलझते देखा हैं |
मैंने
देखा हैं
असफलता
का घिर आना,
फूलों
का मुरझा जाना,
अमावस
पर अँधेरा गहराना,
देखा
है मैंने ,
चलती
ज़िन्दगी का थम जाना |
पर
मैंने देखा है,
लड़खड़ाते
पावों का संभल जाना ,
सपनों
का फिर बुना जाना ,
हर
थमती हुई सांसों में
देखा
है मैंने ,
एक
नयी ज़िन्दगी का चहचहाना ||
inspiring
ReplyDeleteThanku :)
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ReplyDeleteVisionary....👨
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