Thursday, March 5, 2015

मैंने देखा हैं !!

मेरे ज़िन्दगी से  कई सवाल हैं , पर ज़िन्दगी का एक ही जवाब है ," रुको नहीं !बस चलते जाओ,  क्यूंकि अगर रुके तो सवाल भी ख़त्म हो जायेंगे और जवाब भी |" ज़िन्दगी ठोकर मारती हैं तो सहारा भी देती हैं , मैंने देखा हैं !!

मैंने आँखों को सपने पिरोते देखा हैं ,
सपनों को हकीकत बनते देखा हैं,
उम्मीदों कि नाव पर सवार मांझी को
हर कश्ती पार लगाते देखा हैं |

मैंने देखा हैं ,
आशा की किरण का चमकना ,
बूंदों में मोती का बरसना ,
एक दीप का अन्धकार मिटाना,
देखा हैं मैंने ,
हर चेहरे का खिलखिलाना |

कुछ ख़्वाबों को टूटते देखा हैं,
आँखों से सपनों को बहते देखा हैं,
इस माया-नगरी के सौंदर्य में
हर इंसान को उलझते देखा हैं |

मैंने देखा हैं
असफलता का घिर आना,
फूलों का मुरझा जाना,
अमावस पर अँधेरा गहराना,
देखा है मैंने ,
चलती ज़िन्दगी का थम जाना |

पर मैंने देखा है,
लड़खड़ाते पावों का संभल जाना ,
सपनों का फिर बुना जाना ,
हर थमती हुई सांसों में
देखा है मैंने ,
एक नयी ज़िन्दगी का चहचहाना ||

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